दिसम्बर 2023 में एकादशी की तारीख और समय हिंदी में

दिसम्बर 2023 में एकादशी की तारीख और समय

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को मान्यता और महत्व है। यह व्रत मानवता में सदभावना, सेवा और त्याग की भावना को बढ़ावा देता है। दिसम्बर 2023 में भी कई एकादशी व्रत हैं जिनमें से कुछ प्रमुख व्रत निम्नलिखित हैं:

पारमेष्ठी एकादशी

पारमेष्ठी एकादशी 6 दिसम्बर, 2023 को पड़ेगी। इस एकादशी को भगवान विष्णु का व्रत माना जाता है और इसका पालन करने से विष्णुलोक तक पहुँचा जा सकता है।

उत्थान एकादशी

उत्थान एकादशी 21 दिसम्बर, 2023 को है। इस एकादशी को तुलसी विवाह के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें भगवान विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी की विवाह की कथा का पाठ किया जाता है।

मोक्षदा एकादशी

मोक्षदा एकादशी 21 दिसम्बर, 2023 को है। इस एकादशी का पालन करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उन्हें नरक च्युति से मुक्ति मिलती है।

एकादशी संवत्

एकादशी संवत् 21 दिसम्बर, 2023 को है। यह एकादशी का पालन करने से व्रती को अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।

इन एकादशी तारीखों को ध्यान में रखते हुए व्रती अपने अनुष्ठान को प्रारंभ कर सकते हैं। इसके साथ ही, एकादशी की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए इस धार्मिक प्रथा को अपनाना चाहिए।

एकादशी व्रत के लाभ:

  • धार्मिक स्थिति की प्राप्ति: एकादशी व्रत का पालन करने से व्रती को धार्मिक स्थिति प्राप्त होती है।
  • रोगनिवारण: एकादशी व्रत का पालन करने से शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है।
  • कर्मों का शुभ फल: एकादशी व्रत कर्मों को शुभ फल प्रदान करता है और व्रती को उच्च स्थान पर पहुंचाता है।

एकादशी सूत्र:

  • पारमेष्ठी एकादशी: 6 दिसम्बर, 2023
  • उत्थान एकादशी: 21 दिसम्बर, 2023
  • मोक्षदा एकादशी: 21 दिसम्बर, 2023
  • एकादशी संवत्: 21 दिसम्बर, 2023

एकादशी के आसपास क्यों होते हैं पर्व?

एकादशी के दिन विशेष महत्व होता है और इसे विशेष तरीके से मनाया जाता है। इसी कारण एकादशी के आसपास पर्व आयोजित किए जाते हैं ताकि लोग इसे उत्सवपूर्वक मना सकें और व्रत का पालन कर सकें।

एकादशी की कथा:

एकादशी की कई कथाएं हैं जो व्रत का महत्व और फल को समझाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं निम्नलिखित हैं:
किंग युद्धिष्ठिर की कथा
भीमसेन की कथा
महाभारत की कथा

इन कथाओं को सुनकर और पाठ करके व्रती को अपने आप को उनके धार्मिक सिद्धांतों पर स्थापित करने का ज्ञान होता है।

एकादशी के नियम:

  • उपवास का पालन
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
  • दान-पुण्य की क्रियाएँ

एकादशी के नियमों का पालन करने से व्रती को अधिक पुण्य प्राप्त होता है और उन्हें धार्मिक तत्वों का अध्ययन करने का अवसर मिलता है।

FAQs (Frequently Asked Questions):

Q1: एकादशी क्या है?
A1: एकादशी हिंदू धर्म में एक व्रत है जो हर ग्यारहवें दिन को माना जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है।

Q2: एकादशी व्रत कितने प्रकार के होते हैं?
A2: एकादशी व्रत कई प्रकार के होते हैं, जैसे कि निर्जला एकादशी, सफला एकादशी, उत्थान एकादशी आदि।

Q3: एकादशी व्रत किस प्रकार का व्रत है?
A3: एकादशी व्रत उपवास का एक प्रकार है जिसमें व्रती केवल एकदिवसीय भोजन करता है और पारण केवल द्वादशी को करता है।

Q4: एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है?
A4: एकादशी का पालन करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उन्हें दुःखों से मुक्ति मिलती है।

Q5: एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए?
A5: एकादशी के दिन व्रती को अन्न, तेल, दाल और अल्कोहल जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए। वे फल, सब्जी, और दूध-दही जैसे सात्विक आहार का सेवन कर सकते हैं।

एकादशी व्रत का पालन करने से व्रती को आत्मा की शुद्धि, मानवता में सेवा की भावना, और पुण्य के संचय का मार्ग मिलता है। इसलिए, यह एकादशी व्रत का पालन करने से हमें आत्मिक उन्नति और धार्मिकता की ओर अग्रसर करता है।

Kavya Patel
Kavya Patel
Kavya Patеl is an еxpеriеncеd tеch writеr and AI fan focusing on natural languagе procеssing and convеrsational AI. With a computational linguistics and machinе lеarning background, Kavya has contributеd to rising NLP applications.

Latest articles

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here